माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव की होगी रिहाई, 25 साल से बरेली सेंट्रल जेल में है बंद
Mafia Bablu Srivastava
Mafia Bablu Srivastava: बरेली सेंट्रल जेल में 25 साल की सजा काट चुके डॉन बबलू श्रीवास्तव की रिहाई की तैयारी चल रही है. जेल प्रसाशन ने बबलू श्रीवास्तव समेत उसके साथी मंगेश और कमल किशोर सैनी की रिहाई का प्रस्ताव योगी सरकार को भेजा है. मंजूरी मिलते ही 15 अगस्त या उसके बाद बबलू श्रीवास्तव समेत उसके अन्य साथियों की रिहाई हो सकती है. बता दें कि पुणे के कस्टम अधिकारी की हत्या के जुर्म में करीब 25 साल से तीनों बरेली की सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं. पुलिस प्रशासन ने तीनों की आचरण रिपोर्ट मंगा ली है.
दरअसल, यूपी के लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति से अपराध जगत में कदम रखने वाला ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के लिए कभी काम कर चुका है. गाजीपुर के मूल निवासी बबलू के पिता जीटीआई यानी पॉलिटेक्निक में प्रिंसिपल थे. भाई सेना में कर्नल था. बबलू श्रीवास्तव सन 1982 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करते हुए एक छात्र को चाकू मार दी थी. छात्र को चाकू मारने के आरोप में वह जेल गया था.
मॉरीशस से हुआ था गिरफ्तार (Was arrested from Mauritius)
इसके बाद उसने लगातार अपराध की दुनिया में कदम रखा. कई बड़े अपराध किए. इतना ही नहीं दाऊद से दुश्मनी के बाद कई देशों में भागता रहा. कस्टम अधिकारी की हत्या के बाद उसे मॉरीशस देश से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था. डॉन बबलू श्रीवास्तव पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज थे.
कस्टम अधिकारी के हत्या के मामले में काट रहे सजा (serving sentence in the case of murder of custom officer)
बबलू श्रीवास्तव व उसके साथी मंगेश और सैनी बरेली की सेंट्रल जेल में 25 साल से कस्टम अधिकारी की हत्या के मामले की सजा काट रहे हैं. उनकी सजा अब पूरी हो चुकी है. जेल प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया है. पुलिस और प्रशासन ने भी तीनों के आचरण की रिपोर्ट मांग ली है. अगर मंजूरी मिल गई तो 15 अगस्त या उसके कुछ दिन बाद बबलू समेत तीनों को रिहा कर दिया जाएगा.
1999 में बरेली की सेंट्रल जेल में रखा गया (Kept in Bareilly Central Jail in 1999)
मालूम हो कि पुणे के कस्टम अधिकारी एलडी अरोड़ा की सरेआम गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बबलू श्रीवास्तव और उसके दो साथी मंगेश उर्फ मंगे तथा कमल किशोर सैनी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. मॉरीशस से गिरफ्तार किए जाने के बाद तीनों को साल 1999 में बरेली की सेंटर जेल भेजा गया था.
तब से ही तीनों बरेली की सेंटर जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में कैद हैं. अब तक तीनों 25 साल की सजा काट चुके हैं. जेल प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में तीनों के अच्छे आचरण और जेल में 25 साल की सजा काटने को रिहा का आधार बताया गया है. वहीं, जेल महानिदेशक एसएन रावत के माध्यम से प्रस्ताव मिले बाद शासन ने बरेली पुलिस प्रशासन से तीनों के आचरण की रिपोर्ट मंगाई है.
सीबीआई कोर्ट ने दी सजा (CBI court sentenced)
वहीं, पूरे मामले में बरेली सेंट्रल जेल के डीआईजी आरएन पांडे ने बताया कि सजा सीबीआई कोर्ट के द्वारा दी गई है. सीबीआई सेंटर गवर्नमेंट के अधीन आता है. इसलिए तीनों बंदियों की रिहाई करने का अधिकार सेंट्रल गवर्नमेंट में निहित है. जब सेंट्रल गवर्नमेंट रिहाई का आदेश देगी. तभी रिहाई होगी. 15 अगस्त को रिहाई होने का कोई आदेश नहीं है.
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